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दुष्ट द्वारा उत्पीड़न और परमेश्वर द्वारा स्थिर 
प्रधान बजानेवाले के लिये खर्ज की राग में दाऊद का भजन 
 1 हे यहोवा बचा ले, क्योंकि एक भी भक्त नहीं रहा; 
मनुष्यों में से विश्वासयोग्य लोग लुप्त हो गए हैं। 
 2 प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; 
वे चापलूसी के होठों से दो रंगी बातें करते हैं। 
 3 यहोवा सब चापलूस होठों को 
और उस जीभ को जिससे बड़ा बोल निकलता है* 12:3 उस जीभ को जिससे बड़ा बोल निकलता है: बड़े बोल बोलनेवाले या आत्मस्वाभिमानी। काट डालेगा। 
 4 वे कहते हैं, “हम अपनी जीभ ही से जीतेंगे, 
हमारे होंठ हमारे ही वश में हैं; हम पर कौन शासन कर सकेगा?” 
 5 दीन लोगों के लुट जाने, और दरिद्रों के कराहने के कारण, 
यहोवा कहता है, “अब मैं उठूँगा, जिस पर 
वे फुँकारते हैं उसे मैं चैन विश्राम दूँगा।” 
 6 यहोवा का वचन पवित्र है, 
उस चाँदी के समान जो भट्ठी में मिट्टी पर ताई गई, 
और सात बार निर्मल की गई हो† 12:6 सात बार निर्मल की गई हो: अर्थात् बार बार आग में पिघलाई गई।। 
 7 तू ही हे यहोवा उनकी रक्षा करेगा, 
उनको इस काल के लोगों से सर्वदा के लिये बचाए रखेगा। 
 8 जब मनुष्यों में बुराई का आदर होता है, 
तब दुष्ट लोग चारों ओर अकड़ते फिरते हैं।