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मनोव्यथा की पुकार और स्तुतिगान 
प्रधान बजानेवाले के लिये अभ्येलेरशर राग में दाऊद का भजन 
 1 हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, 
तूने मुझे क्यों छोड़ दिया? 
तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से 
क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहाँ है? 
 2 हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूँ 
परन्तु तू उत्तर नहीं देता; 
और रात को भी मैं चुप नहीं रहता। 
 3 परन्तु तू जो इस्राएल की स्तुति के सिंहासन पर विराजमान है, 
तू तो पवित्र है। 
 4 हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; 
वे भरोसा रखते थे, 
और तू उन्हें छुड़ाता था। 
 5 उन्होंने तेरी दुहाई दी और तूने उनको छुड़ाया 
वे तुझी पर भरोसा रखते थे 
और कभी लज्जित न हुए। 
 6 परन्तु मैं तो कीड़ा हूँ, मनुष्य नहीं; 
मनुष्यों में मेरी नामधराई है, 
और लोगों में मेरा अपमान होता है। 
 7 वह सब जो मुझे देखते हैं मेरा ठट्ठा करते हैं, 
और होंठ बिचकाते 
और यह कहते हुए सिर हिलाते हैं, (मत्ती 27:39, मर. 15:29)  
 8 वे कहते है “वह यहोवा पर भरोसा करता है, 
यहोवा उसको छुड़ाए, 
वह उसको उबारे क्योंकि वह उससे प्रसन्न है।” (भज. 91:14)  
 9  परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला* 22:9 परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला: परमेश्वर उसे संसार में लाया था और उसे उसके अस्तित्व के आरम्भिक पलों में संकट से बचाया। अब वह प्रार्थना करता है कि संकट के दिन परमेश्वर बीच में आकर उसकी रक्षा करें। ; 
जब मैं दूध पीता बच्चा था, 
तब ही से तूने मुझे भरोसा रखना सिखाया। 
 10 मैं जन्मते ही तुझी पर छोड़ दिया गया, 
माता के गर्भ ही से तू मेरा परमेश्वर है। 
 11 मुझसे दूर न हो क्योंकि संकट निकट है, 
और कोई सहायक नहीं। 
 12 बहुत से सांडों ने मुझे घेर लिया है, 
बाशान के बलवन्त साँड़ मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है। 
 13 वे फाड़ने और गरजनेवाले सिंह के समान 
मुझ पर अपना मुँह पसारे हुए है। 
 14  मैं जल के समान बह गया† 22:14 मैं जल के समान बह गया: कहने का अर्थ है कि उसकी सम्पूर्ण शक्ति समाप्त हो गई। , 
और मेरी सब हड्डियों के जोड़ उखड़ गए: 
मेरा हृदय मोम हो गया, 
वह मेरी देह के भीतर पिघल गया। 
 15 मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; 
और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; 
और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है। (नीति. 17:22)  
 16 क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; 
कुकर्मियों की मण्डली मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है; 
वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। (मत्ती 27:35, मर. 15:29, लूका 23:33)  
 17 मैं अपनी सब हड्डियाँ गिन सकता हूँ; 
वे मुझे देखते और निहारते हैं; 
 18 वे मेरे वस्त्र आपस में बाँटते हैं, 
और मेरे पहरावे पर चिट्ठी डालते हैं। (मत्ती 27:35, लूका 23:34, यहू. 19:24,25)  
 19 परन्तु हे यहोवा तू दूर न रह! 
हे मेरे सहायक, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर! 
 20 मेरे प्राण को तलवार से बचा, 
मेरे प्राण को कुत्ते के पंजे से बचा ले! 
 21 मुझे सिंह के मुँह से बचा, 
जंगली साँड़ के सींगों से तू मुझे बचा। 
 22 मैं अपने भाइयों के सामने तेरे नाम का प्रचार करूँगा; 
सभा के बीच तेरी प्रशंसा करूँगा। (इब्रा. 2:12)  
 23 हे यहोवा के डरवैयों, उसकी स्तुति करो! 
हे याकूब के वंश, तुम सब उसकी महिमा करो! 
हे इस्राएल के वंश, तुम उसका भय मानो! (भज. 135:19,20)  
 24 क्योंकि उसने दुःखी को तुच्छ नहीं जाना 
और न उससे घृणा करता है, 
यहोवा ने उससे अपना मुख नहीं छिपाया; 
पर जब उसने उसकी दुहाई दी, तब उसकी सुन ली। 
 25 बड़ी सभा में मेरा स्तुति करना तेरी ही ओर से होता है; 
मैं अपनी मन्नतों को उसके भय रखनेवालों के सामने पूरा करूँगा। 
 26 नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे; 
जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। 
तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें! 
 27 पृथ्वी के सब दूर-दूर देशों के लोग उसको स्मरण करेंगे 
और उसकी ओर फिरेंगे; 
और जाति-जाति के सब कुल तेरे सामने दण्डवत् करेंगे। 
 28 क्योंकि राज्य यहोवा ही का है, 
और सब जातियों पर वही प्रभुता करता है। (जक. 14:9)  
 29 पृथ्वी के सब हष्ट-पुष्ट लोग भोजन करके दण्डवत् करेंगे; 
वे सब जो मिट्टी में मिल जाते हैं 
और अपना-अपना प्राण नहीं बचा सकते, 
वे सब उसी के सामने घुटने टेकेंगे। 
 30 एक वंश उसकी सेवा करेगा; 
दूसरी पीढ़ी से प्रभु का वर्णन किया जाएगा। 
 31 वे आएँगे और उसके धार्मिकता के कामों को एक 
वंश पर जो उत्पन्न होगा यह कहकर प्रगट 
करेंगे कि उसने ऐसे-ऐसे अद्भुत काम किए। 
*22:9 22:9 परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला: परमेश्वर उसे संसार में लाया था और उसे उसके अस्तित्व के आरम्भिक पलों में संकट से बचाया। अब वह प्रार्थना करता है कि संकट के दिन परमेश्वर बीच में आकर उसकी रक्षा करें।
†22:14 22:14 मैं जल के समान बह गया: कहने का अर्थ है कि उसकी सम्पूर्ण शक्ति समाप्त हो गई।