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रक्षा के लिये प्रार्थना 
प्रधान बजानेवाले के लिये तारवाले बाजे के साथ दाऊद का भजन 
 1 हे परमेश्वर, मेरा चिल्लाना सुन, 
मेरी प्रार्थना की ओर ध्यान दे। 
 2 मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूँगा, 
जो चट्टान मेरे लिये ऊँची है, उस पर मुझ को ले चल* 61:2 जो चट्टान मेरे लिये ऊँची है, उस पर मुझ को ले चल: ऐसे शरणस्थान पर, किसी दृढ़ गढ़ में जहाँ मैं सुरक्षित रहूँ। ; 
 3 क्योंकि तू मेरा शरणस्थान है, 
और शत्रु से बचने के लिये ऊँचा गढ़ है। 
 4 मैं तेरे तम्बू में युगानुयुग बना रहूँगा। 
मैं तेरे पंखों की ओट में शरण लिए रहूँगा। 
(सेला) 
  5 क्योंकि हे परमेश्वर, तूने मेरी मन्नतें सुनीं, 
जो तेरे नाम के डरवैये हैं, उनका सा भाग तूने मुझे दिया है। 
 6 तू राजा की आयु को बहुत बढ़ाएगा; 
उसके वर्ष पीढ़ी-पीढ़ी के बराबर होंगे। 
 7 वह परमेश्वर के सम्मुख सदा बना रहेगा; 
तू अपनी करुणा और सच्चाई को उसकी रक्षा के लिये ठहरा रख। 
 8 इस प्रकार मैं सर्वदा तेरे नाम का भजन गा गाकर 
अपनी मन्नतें हर दिन पूरी किया करूँगा। 
*61:2 61:2 जो चट्टान मेरे लिये ऊँची है, उस पर मुझ को ले चल: ऐसे शरणस्थान पर, किसी दृढ़ गढ़ में जहाँ मैं सुरक्षित रहूँ।