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 1 तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो। 
तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो। 
 2 मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, 
हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।” 
 3 परमेश्वर तुझको सभी छिपे खतरों से बचाएगा। 
परमेश्वर तुझको सब भयानक व्याधियों से बचाएगा। 
 4 तुम परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो। 
और वह तुम्हारी ऐसे रक्षा करेगा जैसे एक पक्षी अपने पंख फैला कर अपने बच्चों की रक्षा करता है। 
परमेश्वर तुम्हारे लिये ढाल और दीवार सा तुम्हारी रक्षा करेगा। 
 5 रात में तुमको किसी का भय नहीं होगा, 
और शत्रु के बाणों से तू दिन में भयभीत नहीं होगा। 
 6 तुझको अंधेरे में आने वाले रोगों 
और उस भयानक रोग से जो दोपहर में आता है भय नहीं होगा। 
 7 तू हजार शत्रुओं को पराजित कर देगा। 
तेरा स्वयं दाहिना हाथ दस हजार शत्रुओं को हरायेगा। 
और तेरे शत्रु तुझको छू तक नहीं पायेंगे। 
 8 जरा देख, और तुझको दिखाई देगा 
कि वे कुटिल व्यक्ति दण्डित हो चुके हैं। 
 9 क्यों क्योंकि तू यहोवा के भरोसे है। 
तूने परम परमेश्वर को अपना शरणस्थल बनाया है। 
 10 तेरे साथ कोई भी बुरी बात नहीं घटेगी। 
कोई भी रोग तेरे घर में नहीं होगा। 
 11 क्योंकि परमेश्वर स्वर्गदूतों को तेरी रक्षा करने का आदेश देगा। तू जहाँ भी जाएगा वे तेरी रक्षा करेंगे। 
 12 परमेश्वर के दूत तुझको अपने हाथों पर ऊपर उठायेंगे। 
ताकि तेरा पैर चट्टान से न टकराए। 
 13 तुझमें वह शक्ति होगी जिससे तू सिंहों को पछाडेगा 
और विष नागों को कुचल देगा। 
 14 यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा। 
मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।” 
 15 मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। 
वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। 
मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा। 
 16 मैं अपने अनुयायियों को एक लम्बी आयु दूँगा 
और मैं उनकीरक्षा करूँगा।