स्तोत्र 57
संगीत निर्देशक के लिये. “अलतशख़ेथ” धुन पर आधारित. दावीद की मिकताम* 57:0 शीर्षक: शायद साहित्यिक या संगीत संबंधित एक शब्द गीत रचना. यह उस घटना का संदर्भ है, जब दावीद शाऊल की उपस्थिति से भागकर कन्दरा में जा छिपे थे. 
 1 मुझ पर कृपा कीजिए, हे मेरे परमेश्वर, कृपा कीजिए, 
क्योंकि मैंने आपको ही अपना आश्रय-स्थल बनाया है. 
मैं आपके पंखों के नीचे आश्रय लिए रहूंगा, 
जब तक विनाश मुझ पर से टल न जाए. 
 2 मैं सर्वोच्च परमेश्वर को पुकारता हूं, 
वही परमेश्वर, जो मुझे निर्दोष ठहराते हैं. 
 3 वह स्वर्ग से सहायता भेजकर मेरा उद्धार करेंगे; 
जो मुझे कुचलते हैं उनसे उन्हें घृणा है. 
परमेश्वर अपना करुणा-प्रेम† 57:3 करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं तथा अपना सत्य प्रेषित करेंगे. 
 4 मैं सिंहों से घिर गया हूं; 
मैं हिंसक पशुओं समान मनुष्यों के मध्य पड़ा हुआ हूं. 
उनके दांत भालों और बाणों समान, 
तथा जीभें तलवार समान तीक्ष्ण हैं. 
 5 परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं; 
आपका तेज समस्त पृथ्वी को भयभीत करें. 
 6 उन्होंने मेरे मार्ग में जाल बिछाया है; 
मेरा प्राण डूबा जा रहा था. 
उन्होंने मेरे मार्ग में गड्ढा भी खोद रखा था, 
किंतु वे स्वयं उसी में जा गिरे हैं. 
 7 मेरा हृदय निश्चिंत है, परमेश्वर, 
मेरा हृदय निश्चिंत है; 
मैं स्तुति करते हुए गाऊंगा और संगीत बजाऊंगा. 
 8 मेरी आत्मा, जागो! 
नेबेल और किन्नोर जागो! 
मैं उषःकाल को जागृत करूंगा. 
 9 प्रभु, मैं लोगों के मध्य आपका आभार व्यक्त करूंगा; 
राष्ट्रों के मघ्य मैं आपका स्तवन करूंगा. 
 10 क्योंकि आपका करुणा-प्रेम आकाश से भी महान है; 
आपकी सच्चाई अंतरीक्ष तक जा पहुंचती है. 
 11 परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं; 
आपका तेज समस्त पृथ्वी को भयभीत करें. 
*^ 57:0 शीर्षक: शायद साहित्यिक या संगीत संबंधित एक शब्द
†स्तोत्र 57:3 57:3 करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं