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 १ मैं शारोन देश का गुलाब 
और तराइयों का सोसन फूल हूँ। 
 २ जैसे सोसन फूल कटीले पेड़ों के बीच* 
वैसे ही मेरी प्रिय युवतियों के बीच में है। 
 ३ जैसे सेब का वृक्ष जंगल के वृक्षों के बीच में, 
वैसे ही मेरा प्रेमी जवानों के बीच में है। 
मैं उसकी छाया में हर्षित होकर बैठ गई, 
और उसका फल मुझे खाने में मीठा लगा। (प्रकाशित. 22:1,2) 
 ४ वह मुझे भोज के घर में ले आया, 
और उसका जो झण्डा मेरे ऊपर फहराता था वह प्रेम था। 
 ५ मुझे किशमिश खिलाकर संभालो, सेब खिलाकर बल दो: 
क्योंकि मैं प्रेम में रोगी हूँ। 
 ६ काश, उसका बायाँ हाथ मेरे सिर के नीचे होता, 
और अपने दाहिने हाथ से वह मेरा आलिंगन करता! 
 ७ हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम से चिकारियों 
और मैदान की हिरनियों की शपथ धराकर कहती हूँ, 
कि जब तक वह स्वयं न उठना चाहे, 
तब तक उसको न उकसाओं न जगाओ। (श्रेष्ठ. 3:5,8:4) 
प्रियतमा की याचना 
 ८ मेरे प्रेमी का शब्द सुन पड़ता है! 
देखो, वह पहाड़ों पर कूदता और पहाड़ियों को फान्दता हुआ आता है। 
 ९ मेरा प्रेमी चिकारे या जवान हिरन के समान है*। 
देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, 
और खिड़कियों की ओर ताक रहा है, 
और झंझरी में से देख रहा है। 
 १० मेरा प्रेमी मुझसे कह रहा है, 
“हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ; 
 ११ क्योंकि देख, सर्दी जाती रही; 
वर्षा भी हो चुकी और जाती रही है। 
 १२ पृथ्वी पर फूल दिखाई देते हैं, 
चिड़ियों के गाने का समय आ पहुँचा है, 
और हमारे देश में पिंडुक का शब्द सुनाई देता है। 
 १३ अंजीर पकने लगे हैं, 
और दाखलताएँ फूल रही हैं; 
वे सुगन्ध दे रही हैं। 
हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ। 
 १४ हे मेरी कबूतरी, पहाड़ की दरारों में और टीलों के कुंज में तेरा मुख मुझे देखने दे, 
तेरा बोल मुझे सुनने दे, 
क्योंकि तेरा बोल मीठा, और तेरा मुख अति सुन्दर है। 
 १५ जो छोटी लोमड़ियाँ दाख की बारियों को बिगाड़ती हैं, उन्हें पकड़ ले, 
क्योंकि हमारी दाख की बारियों में फूल लगे हैं।” (भज. 80:8-13, यहे. 13:4) 
 १६ मेरा प्रेमी मेरा है और मैं उसकी हूँ, 
वह अपनी भेड़-बकरियाँ सोसन फूलों के बीच में चराता है*। 
 १७ जब तक दिन ठण्डा न हो और छाया लम्बी होते-होते मिट न जाए, 
तब तक हे मेरे प्रेमी उस चिकारे या जवान हिरन के समान बन 
जो बेतेर के पहाड़ों पर फिरता है।