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परमेश्वर सर्वोच्च शासक 
 १ यहोवा राजा हुआ है, पृथ्वी मगन हो; 
और द्वीप जो बहुत से हैं, वह भी आनन्द करें! (प्रका. 19:7) 
 २ बादल और अंधकार उसके चारों ओर हैं; 
उसके सिंहासन का मूल धर्म और न्याय है। 
 ३ उसके आगे-आगे आग चलती हुई* 
उसके विरोधियों को चारों ओर भस्म करती है। (प्रका. 11:5) 
 ४ उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, 
पृथ्वी देखकर थरथरा गई है! 
 ५ पहाड़ यहोवा के सामने, 
मोम के समान पिघल गए, 
अर्थात् सारी पृथ्वी के परमेश्वर के सामने। 
 ६ आकाश ने उसके धर्म की साक्षी दी; 
और देश-देश के सब लोगों ने उसकी महिमा देखी है। 
 ७ जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते 
और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; 
हे सब देवताओं तुम उसी को दण्डवत् करो। 
 ८ सिय्योन सुनकर आनन्दित हुई, 
और यहूदा की बेटियाँ मगन हुई; 
हे यहोवा, यह तेरे नियमों के कारण हुआ। 
 ९ क्योंकि हे यहोवा, तू सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है; 
तू सारे देवताओं से अधिक महान ठहरा है। (यूह. 3:31) 
 १० हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो; 
वह अपने भक्तों के प्राणों की रक्षा करता*, 
और उन्हें दुष्टों के हाथ से बचाता है। 
 ११ धर्मी के लिये ज्योति, 
और सीधे मनवालों के लिये आनन्द बोया गया है। 
 १२ हे धर्मियों, यहोवा के कारण आनन्दित हो; 
और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो!