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याहवेह का सेवक 
 1 हे द्वीपो, मेरी ओर कान लगाकर सुनो; 
हे दूर देश के लोगो, 
ध्यान दो! माता के गर्भ से याहवेह ने मुझे बुलाया; 
जब मैं अपनी माता की देह में ही था उन्होंने मुझे नाम दे दिया था. 
 2 उन्होंने मेरे मुंह को तलवार के समान तेज धार बना दिया है, 
उन्होंने मुझे अपने हाथ की छाया में छिपा रखा है; 
हां, उन्होंने मुझे एक विशेष तीर का रूप भी दे दिया है, 
और उन्होंने मुझे अपनी आड़ में छिपा लिया है. 
 3 उन्होंने मुझसे कहा, “इस्राएल तुम मेरे सेवक हो, 
तुम्हीं से मैं अपनी महिमा प्रकट करूंगा.” 
 4 तब मैंने कहा, “मेरी मेहनत व्यर्थ ही रही; 
अपना बल मैंने व्यर्थ ही खो दिया. 
तो भी निश्चय मेरा न्याय याहवेह के पास है, 
मेरा प्रतिफल मेरे परमेश्वर के हाथ में है.” 
 5 और वह याहवेह, 
जिन्होंने अपना सेवक होने के लिए मुझे माता के गर्भ से चुन लिया था 
कि वे याकोब को अपनी ओर लौटा ले आएं 
कि इस्राएल को एक साथ कर दिया जाए, 
क्योंकि मैं याहवेह के सम्मुख ऊंचा किया गया 
तथा मेरा परमेश्वर ही मेरा बल हैं. 
 6 याहवेह ने कहा: 
“याकोब के गोत्रों का उद्धार करने 
और इस्राएल के बचे हुओं को वापस लाने के लिए 
मेरा सेवक बना यह तो मामूली बात है. 
मैं तो तुम्हें देशों के लिए ज्योति ठहराऊंगा, 
ताकि मेरा उद्धार पृथ्वी के एक कोने से दूसरे कोने तक फैल जाए.” 
 7 जो घृणा का पात्र है, जो देश के द्वारा तुच्छ माना गया है— 
जो अपराधियों का सेवक है— 
उसके लिए इस्राएल का छुड़ाने वाला पवित्र परमेश्वर, 
अर्थात् याहवेह का संदेश यह है: 
“राजा उसे देखकर उठ खड़े होंगे, 
हाकिम भी दंडवत करेंगे, 
क्योंकि याहवेह ने, जो विश्वासयोग्य हैं, 
इस्राएल के पवित्र परमेश्वर ने तुम्हें चुन लिया है.” 
इस्राएल का पुनरुद्धार 
 8 याहवेह ने कहा: 
“एक अनुकूल अवसर पर मैं तुम्हें उत्तर दूंगा, 
तथा उद्धार करने के दिन मैं तुम्हारी सहायता करूंगा; 
मैं तुम्हें सुरक्षित रखकर 
लोगों के लिए एक वाचा ठहराऊंगा, 
ताकि देश को स्थिर करे 
और उजड़े हुए मीरास को ठीक कर सके, 
 9 और जो बंधुवाई में हैं, ‘उन्हें छुड़ा सके,’ 
जो अंधकार में हैं, ‘उन्हें कहा जाए कि अपने आपको दिखाओ!’ 
“रास्ते पर चलते हुए भी उन्हें भोजन मिलेगा, 
सूखी पहाड़ियों पर भी उन्हें चराई मिलेगी. 
 10 न वे भूखे होंगे और न प्यासे, 
न तो लू और न सूर्य उन्हें कष्ट पहुंचा सकेंगे. 
क्योंकि, जिनकी दया उन पर है, 
वही उनकी अगुवाई करते हुए उन्हें पानी के सोतों तक ले जाएंगे. 
 11 मैं अपने सब पर्वतों को मार्ग बना दूंगा, 
तथा मेरे राजमार्ग ऊंचे किए जायेंगे. 
 12 देखो, ये लोग दूर देशों से 
कुछ उत्तर से, कुछ पश्चिम से 
तथा कुछ सीनीम देश से आएंगे.” 
 13 हे आकाश, जय जयकार करो; 
हे पृथ्वी, आनंदित होओ; 
हे पर्वतो, आनंद से जय जयकार करो! 
क्योंकि याहवेह ने अपनी प्रजा को शांति दी है 
और दीन लोगों पर दया की है. 
 14 परंतु ज़ियोन ने कहा, “याहवेह ने मुझे छोड़ दिया है, 
प्रभु मुझे भूल चुके हैं.” 
 15 “क्या यह हो सकता है कि माता अपने बच्चे को भूल जाए 
और जन्माए हुए बच्चे पर दया न करे? 
हां, वह तो भूल सकती है, 
परंतु मैं नहीं भूल सकता! 
 16 देख, मैंने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; 
तेरी शहरपनाह सदैव मेरे सामने बनी रहती है. 
 17 तेरे लड़के फुर्ती से आ रहे हैं, 
और उजाड़नेवाले तेरे बीच में से निकल रहे हैं. 
 18 अपनी आंख उठाकर अपने आस-पास देखो; 
वे सभी तुम्हारे पास आ रहे हैं.” 
याहवेह ने कहा “शपथ मेरे जीवन की, 
तुम उन सबको गहने के समान पहन लोगे; 
दुल्हन के समान अपने शरीर में सबको बांध लोगे. 
 19 “जो जगह सुनसान, उजड़ी, 
और जो देश खंडहर हैं, 
उनमें अब कोई नहीं रहेगा, 
और तुम्हें नष्ट करनेवाले अब दूर हो जायेंगे. 
 20 वे बालक जो तुझसे ले लिये गये 
वे फिर तुम्हारे कानों में कहेंगे, 
‘मेरे लिए यह जगह छोटी है; 
मेरे लिये बड़ी जगह तैयार कीजिए की मैं उसमें रह सकूं.’ 
 21 तब तुम अपने मन में कहोगे, 
‘कौन है जिसने इन्हें मेरे लिए जन्म दिया है? 
क्योंकि मेरे बालक तो मर गये हैं; 
बांझ थी मैं, यहां वहां घूमती रही. 
फिर इनका पालन पोषण किसने किया है? 
मुझे तो अकेला छोड़ दिया गया था, 
ये कहां से आए हैं?’ ” 
 22 प्रभु याहवेह ने कहा: 
“मैं अपना हाथ जाति-जाति के लोगों की ओर बढ़ाऊंगा, 
और उनके सामने अपना झंडा खड़ा करूंगा; 
वे तुम्हारे पुत्र व पुत्रियों को 
अपनी गोद में उठाएंगे. 
 23 राजा तेरे बच्चों का सेवक 
तथा उनकी रानियां दाईयां होंगी. 
वे झुककर तुम्हें दंडवत करेंगी; 
फिर तुम यह जान जाओगे कि मैं ही याहवेह हूं; 
मेरी बाट जोहने वाले कभी लज्जित न होंगे.” 
 24 क्या वीर के हाथ से शिकार छीना जा सकता है, 
अथवा क्या कोई अत्याचारी से किसी बंदी को छुड़ा सकता है? 
 25 निःसंदेह, याहवेह यों कहते हैं: 
“बलात्कारी का शिकार उसके हाथ से छुड़ा लिया जाएगा, 
तथा निष्ठुर लोगों से लूट का समान वापस ले लिये जायेंगे; 
क्योंकि मैं उनसे मुकदमा लड़ूंगा जो तुमसे लड़ेगा, 
और मैं तुम्हारे पुत्रों को सुरक्षित रखूंगा. 
 26 जो तुमसे लड़ते हैं उन्हें मैं उन्हीं का मांस खिला दूंगा; 
वे अपना ही खून पीकर मतवाले हो जाएंगे. 
तब सब जान जायेंगे 
कि याहवेह ही तुम्हारा उद्धारकर्ता है, 
तेरा छुड़ाने वाला, याकोब का सर्वशक्तिमान परमेश्वर मैं ही हूं.”