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याजकों के समूह
हारून के पुत्रों के ये समूह थेः हारून के पुत्र नादाब, अबीहू, एलीआजर और ईतामार थे। किन्तु नादाब और अबीहू अपने पिता की मृत्यु के पहले ही मर गये और नादाब और अबीहू के कोई पुत्र नहीं था इसलिये एलीआजर और ईतामार ने याजक के रुप में कार्य किया। दाउद ने एलीआजर और नादब और ईतामार के परिवार समूह को दो भिन्न समूहों में बाँटा। दाऊद ने यह इसलिये किया कि ये समूह उनको दिये गए कर्तव्यों को पूरा कर सकें। दाऊद ने यह सादोक और अहीमलेक की सहायता से किया। सादोक एलीआजर का वंशज था और अहीमलेक ईतामार का वंशज था। एलीआजर के परिवार समूह के प्रमुख ईतामार के परिवार समूह के प्रमुखों से अधिक थे। एलीआजर के परिवार समूह के सोलह प्रमुख थे और ईतामार के परिवार समूह से आठ प्रमुख थे। हर एक परिवार से पुरुष चुने गए थे। वे गोट डालकर चुने गए थे। कुछ व्यक्ति पवित्र स्थान के अधिकारी चुने गए थे। कुछ व्यक्ति पवित्र स्थान के अधिकारी चुने गए थे और अन्य व्यक्ति याजक के रुप में सेवा के लिये चुने गए थे। यो सभी व्यक्ति एलीआजर और ईतामार के परिवार से चुने गए थे।
शमायाह सचिव था। वह नतनेल का पुत्र था। शमायाह लेवी परिवार समूह से था। शमायाह ने उन वंशजों के नाम लिखे। उसने उन नामों को राजा दाऊद और इन प्रमुखों के सामने लिखा। याजक सादोक, अहीमेलेक तथा याजक और लेविवंशियों के परिवारों के प्रमुख। अहीमेलेक एब्यातार का पुत्र था। हर एक बार वे गोट डालकर एक व्यक्ति चुनते थे और शमायाह उस व्यक्ति का नाम लिख लेता था। इस प्रकार उन्होंने एलीआजार और ईतामार के परिवारों में काम को बाँटा।
 
पहला समूह यहोयारीब का था।
दूसरा समूह यदायाह का था।
तीसरा समूह हारीम का था।
चौथा समूह सोरीम का था।
पाँचवाँ समूह मल्किय्याह का था।
छठा समूह मिय्यामीन का था।
10 सातवाँ समूह हक्कोस का था।
आठवाँ समूह अबिय्याह का था।
11 नवाँ समूह येशु का था।
दसवाँ समूह शकन्याह का था।
12 ग्यारहवाँ समूह एल्याशीब का था।
बारहवाँ समूह याकीम का था।
13 तेरहवाँ समूह हुप्पा का था।
चौदहवाँ समूह येसेबाब का था।
14 पन्द्रहवाँ समूह बिल्गा का था।
सोलहवाँ समूह इम्मेर का था।
15 सत्रहवाँ समूह हेजीर का था।
अट्ठारहवाँ समूह हप्पित्सेस का था।
16 उन्नीसवाँ समूह पतह्याह का था।
बीसवाँ समूह यहेजकेल का था।
17 इक्कीसवाँ समूह याकीन का था।
बाईसवाँ समूह गामूल का था।
18 तेईसवाँ समूह दलायाह का था।
चौबीसवाँ समूह माज्याह का था।
 
19 यहोवा के मन्दिर में सेवा करने के लिये ये समूह चुने गये थे। वे मन्दिर में सेवा के लिये हारून के नियामों को मानते थे। इस्राएल के यहोवा परमेश्वर ने इन नियमों को हारून को दिया था।
अन्य लेवीवंशी
20 ये नाम शेष लेवी के वंशजों के हैं:
 
अम्राम के वंशजों से शूबाएल।
शूबाएल के वंशजों सेः येहदयाह।
21 रहब्याह सेः यीश्शिय्याह (यिश्शिय्याह सबसे बड़ा पुत्र था।)
22 इसहारी परिवार समूह सेः शलोमोत।
शलोमोत के परिवार सेः यहत।
23 हेब्रोन का सबसे बड़ा पुत्र यरिय्याह था।
अमर्याह हेब्रोन का दूसरा पुत्र था।
यहजीएल तीसरा पुत्र था, और यकमाम चौथा पुत्र
24 उज्जीएल का पुत्र मीका था।
मीका का पुत्र शामीर था।
25 यिशिशिय्याह मीका का भाई था।
यिश्शिय्याह का पुत्र जकर्याह था।
26 मरारी के वंशज महली, मूशी और उसका पुत्र याजिय्याह थे।
27 महारी के याजिय्याह के पूत्र शोहम और जक्कू नाम के थे।
28 महली का पुत्र एलीआजर था।
किन्तु एलीआजर का कोई पुत्र न था।
29 कीश का पुत्र यरह्योल था
30 मूशी के पुत्र महली, एदेर और यरीमोत थे।
 
वे लेवीवंश परिवारों के प्रमुख हैं। वे परिवारों की सूची में हैं। 31 वे विशेष कामों के लिये चुने गए थे। वे अपने सम्बन्धी याजकों की तरह गोट डालते थे। याजक हारुन के वंशज थे। उन्होने राजा दाउद, सादोक, अहीमेले और याजकों तथा लेवी के परिवारों के प्रमुखों के सामने गोटें डाली। जब उनके काम चुने गये पुराने और नये परिवारों के एक सा व्यवहार हुआ।