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1 यूहन्ना
जीवन के वचन की घोषणा
परमेश्‍वर के साथ सहभागिता
यीशु हमारा सहायक
परमेश्‍वर की आज्ञाएँ
सबसे प्रेम करो
पत्री लिखने का कारण
संसार के विषय में चेतावनी
अन्तिम समय के धोखे
अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा
परमेश्‍वर की सन्तान
पाप और परमेश्‍वर की सन्तान
परस्पर प्रेम से रहो
परमेश्‍वर के सम्मुख साहस
सत्य की आत्मा और असत्य की आत्मा
प्रेम द्वारा परमेश्‍वर को जानना
प्रेम द्वारा परमेश्‍वर को देखना
संसार पर विजय
मसीह के विषय गवाही
अनन्त जीवन
प्रभावी प्रार्थना
निष्कर्ष