Song of Songs 
श्रेष्ठगीत  
 १
 १ श्रेष्ठगीत जो सुलैमान का है। (1 राजा. 4:32) 
दावत 
 २ वह अपने मुँह के चुम्बनों से मुझे चूमे! 
क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है, 
 ३ तेरे भाँति-भाँति के इत्रों का सुगन्ध उत्तम है, 
तेरा नाम उण्डेले हुए इत्र के तुल्य है; 
इसलिए कुमारियाँ तुझ से प्रेम रखती हैं 
 ४ मुझे खींच ले; हम तेरे पीछे दौड़ेंगे। 
राजा मुझे अपने महल में ले आया है। 
हम तुझ में मगन और आनन्दित होंगे; 
हम दाखमधु से अधिक तेरे प्रेम की चर्चा करेंगे; 
वे ठीक ही तुझ से प्रेम रखती हैं। (होशे 11:4, फिली. 3:1-12, भज. 45:14) 
 ५ हे यरूशलेम की पुत्रियों, 
मैं काली तो हूँ परन्तु सुन्दर हूँ, 
केदार के तम्बुओं के 
और सुलैमान के पर्दों के तुल्य हूँ। 
 ६ मुझे इसलिए न घूर कि मैं साँवली हूँ, 
क्योंकि मैं धूप से झुलस गई। 
मेरी माता के पुत्र मुझसे अप्रसन्न थे, 
उन्होंने मुझ को दाख की बारियों की रखवालिन बनाया; 
परन्तु मैंने अपनी निज दाख की बारी* की रखवाली नहीं की! 
 ७ हे मेरे प्राणप्रिय मुझे बता, 
तू अपनी भेड़-बकरियाँ कहाँ चराता है, 
दोपहर को तू उन्हें कहाँ बैठाता है; 
मैं क्यों तेरे संगियों की भेड़-बकरियों के पास 
धूँघट काढ़े हुए भटकती फिरूँ? 
प्रियतमा की याचना 
 ८ हे स्त्रियों में सुन्दरी, यदि तू यह न जानती हो 
तो भेड़-बकरियों के खुरों के चिन्हों पर चल* 
और चरावाहों के तम्बुओं के पास, अपनी बकरियों के बच्चों को चरा। 
 ९ हे मेरी प्रिय मैंने तेरी तुलना 
फ़िरौन के रथों में जुती हुई घोड़ी से की है। (2 इतिहास. 1:16) 
 १० तेरे गाल केशों के लटों के बीच क्या ही सुन्दर हैं, 
और तेरा कण्ठ हीरों की लड़ियों के बीच। 
 ११ हम तेरे लिये चाँदी के फूलदार सोने के आभूषण बनाएँगे। 
 १२ जब राजा अपनी मेज के पास बैठा था 
मेरी जटामांसी की सुगन्ध फैल रही थी। 
 १३ मेरा प्रेमी मेरे लिये लोबान की थैली के समान है 
जो मेरी छातियों के बीच में पड़ी रहती है। 
 १४ मेरा प्रेमी मेरे लिये मेंहदी के फूलों के गुच्छे के समान है, 
जो एनगदी की दाख की बारियों में होता है। 
 १५ तू सुन्दरी है, हे मेरी प्रिय, तू सुन्दरी है; 
तेरी आँखें कबूतरी की सी हैं। 
 १६ हे मेरी प्रिय तू सुन्दर और मनभावनी है 
और हमारा बिछौना भी हरा है; 
 १७ हमारे घर के धरन देवदार हैं 
और हमारी छत की कड़ियाँ सनोवर हैं।