इस्राएल और यहूदा पर का निकटतम न्याय
१ हे याजकों, यह बात सुनो! हे इस्राएल के घराने, ध्यान देकर सुनो! हे राजा के घराने, तुम भी कान लगाओ! क्योंकि तुम्हारा न्याय किया जाएगा; क्योंकि तुम मिस्पा में फंदा, और ताबोर पर लगाया हुआ जाल बन गए हो। २ उन बिगड़े हुओं ने घोर हत्या की है, इसलिए मैं उन सभी को ताड़ना दूँगा। ३ मैं एप्रैम का भेद जानता हूँ, और इस्राएल की दशा मुझसे छिपी नहीं है; हे एप्रैम, तूने छिनाला किया, और इस्राएल अशुद्ध हुआ है। ४ उनके काम उन्हें अपने परमेश्‍वर की ओर फिरने नहीं देते, क्योंकि छिनाला करनेवाली आत्मा उनमें रहती है*; और वे यहोवा को नहीं जानते हैं। ५ इस्राएल का गर्व उसी के विरुद्ध साक्षी देता है, और इस्राएल और एप्रैम अपने अधर्म के कारण ठोकर खाएँगे, और यहूदा भी उनके संग ठोकर खाएगा। ६ वे अपनी भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल लेकर यहोवा को ढूँढ़ने चलेंगे, परन्तु वह उनको न मिलेगा; क्योंकि वह उनसे दूर हो गया है। ७ वे व्यभिचार के लड़के जने हैं; इससे उन्होंने यहोवा का विश्वासघात किया है। इस कारण अब चाँद उनका और उनके भागों के नाश का कारण होगा। ८ गिबा में नरसिंगा, और रामाह में तुरही फूँको। बेतावेन में ललकार कर कहो; हे बिन्यामीन, अपने पीछे देख! ९ न्याय के दिन में एप्रैम उजाड़ हो जाएगा; जिस बात का होना निश्चित है, मैंने उसी का सन्देश इस्राएल के सब गोत्रों को दिया है। १० यहूदा के हाकिम उनके समान हुए हैं जो सीमा बढ़ा लेते हैं; मैं उन पर अपनी जलजलाहट जल के समान उण्डेलूँगा। ११ एप्रैम पर अंधेर किया गया है, वह मुकद्दमा हार गया है; क्योंकि वह जी लगाकर उस आज्ञा पर चला। १२ इसलिए मैं एप्रैम के लिये कीड़े के समान और यहूदा के घराने के लिये सड़ाहट के समान हूँगा। १३ जब एप्रैम ने अपना रोग, और यहूदा ने अपना घाव देखा, तब एप्रैम अश्शूर के पास गया, और यारेब* राजा को कहला भेजा। परन्तु न वह तुम्हें चंगा कर सकता और न तुम्हारा घाव अच्छा कर सकता है। १४ क्योंकि मैं एप्रैम के लिये सिंह, और यहूदा के घराने के लिये जवान सिंह बनूँगा। मैं आप ही उन्हें फाड़कर ले जाऊँगा; जब मैं उठा ले जाऊँगा, तब मेरे पंजे से कोई न छुड़ा सकेगा। १५ जब तक वे अपने को अपराधी मानकर मेरे दर्शन के खोजी न होंगे तब तक मैं अपने स्थान को न लौटूँगा*, और जब वे संकट में पड़ेंगे, तब जी लगाकर मुझे ढूँढ़ने लगेंगे।