संकट के समय आत्मविश्वास
दाऊद का भजन। जब वह अपने पुत्र अबशालोम के सामने से भागा जाता था
 
१ हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं!
वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं।
२ बहुत से मेरे विषय में कहते हैं,
कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला)
३ परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है,
तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*।
४ मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ,
और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला)
५ मैं लेटकर सो गया;
फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है।
६ मैं उस भीड़ से नहीं डरता,
जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं।
७ उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले!
क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है।
और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं।
८ उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*;
हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो।