१६
परमेश्‍वर मेरा भाग
दाऊद का मिक्ताम
 
१ हे परमेश्‍वर मेरी रक्षा कर,
क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूँ।
२ मैंने यहोवा से कहा, “तू ही मेरा प्रभु है;
तेरे सिवा मेरी भलाई कहीं नहीं।”
३ पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं,
वे ही आदर के योग्य हैं,
और उन्हीं से मैं प्रसन्‍न हूँ।
४ जो पराए देवता के पीछे भागते हैं उनका दुःख बढ़ जाएगा;
मैं उन्हें लहूवाले अर्घ नहीं चढ़ाऊँगा
और उनका नाम अपने होंठों से नहीं लूँगा*।
५ यहोवा तू मेरा चुना हुआ भाग और मेरा कटोरा है;
मेरे भाग को तू स्थिर रखता है।
६ मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी,
और मेरा भाग मनभावना है।
७ मैं यहोवा को धन्य कहता हूँ,
क्योंकि उसने मुझे सम्मति दी है;
वरन् मेरा मन भी रात में मुझे शिक्षा देता है।
८ मैंने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है*:
इसलिए कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊँगा।
९ इस कारण मेरा हृदय आनन्दित
और मेरी आत्मा मगन हुई;
मेरा शरीर भी चैन से रहेगा।
१० क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा,
न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा।
११ तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा;
तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है,
तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। (प्रेरि. 2:25-28)