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परमेश्‍वर का नगर सिय्योन की स्तुति में
कोरहवंशियों का भजन
 
१ उसकी नींव पवित्र पर्वतों में है;
२ और यहोवा सिय्योन के फाटकों से याकूब के सारे निवासों से बढ़कर प्रीति रखता है।
३ हे परमेश्‍वर के नगर,
तेरे विषय महिमा की बातें कही गई हैं। (सेला)
४ मैं अपने जान-पहचानवालों से रहब और बाबेल की भी चर्चा करूँगा;
पलिश्त, सोर और कूश को देखो:
“यह वहाँ उत्‍पन्‍न हुआ था*।”
५ और सिय्योन के विषय में यह कहा जाएगा,
“इनमें से प्रत्येक का जन्म उसमें हुआ था।”
और परमप्रधान आप ही उसको स्थिर रखे।
६ यहोवा जब देश-देश के लोगों के नाम लिखकर गिन लेगा, तब यह कहेगा,
“यह वहाँ उत्‍पन्‍न हुआ था।” (सेला)
७ गवैये और नृतक दोनों कहेंगे,
“हमारे सब सोते तुझी में पाए जाते हैं।”