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परमेश्‍वर से मदद के लिए प्रार्थना
यात्रा का गीत
 
१ संकट के समय मैंने यहोवा को पुकारा,
और उसने मेरी सुन ली।
२ हे यहोवा, झूठ बोलनेवाले मुँह से
और छली जीभ से मेरी रक्षा कर।
३ हे छली जीभ,
तुझको क्या मिले? और तेरे साथ और क्या अधिक किया जाए?
४ वीर के नोकीले तीर
और झाऊ के अंगारे!
५ हाय, हाय, क्योंकि मुझे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा
और केदार के तम्बुओं में बसना पड़ा है!
६ बहुत समय से मुझ को मेल के बैरियों के साथ बसना पड़ा है।
७ मैं तो मेल चाहता हूँ;
परन्तु मेरे बोलते* ही, वे लड़ना चाहते हैं!