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परमेश्‍वर हमारा रक्षक
यात्रा का गीत
 
१ मैं अपनी आँखें पर्वतों की ओर उठाऊँगा।
मुझे सहायता कहाँ से मिलेगी?
२ मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है,
जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
३ वह तेरे पाँव को टलने न देगा*,
तेरा रक्षक कभी न ऊँघेगा।
४ सुन, इस्राएल का रक्षक,
न ऊँघेगा और न सोएगा।
५ यहोवा तेरा रक्षक है;
यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।
६ न तो दिन को धूप से,
और न रात को चाँदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
७ यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा;
वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा।
८ यहोवा तेरे आने-जाने में
तेरी रक्षा अब से लेकर सदा तक करता रहेगा*।