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परमेश्‍वर का आशीर्वाद
सुलैमान की यात्रा का गीत
 
१ यदि घर को यहोवा न बनाए,
तो उसके बनानेवालों का परिश्रम व्यर्थ होगा।
यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे,
तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा।
२ तुम जो सवेरे उठते और देर करके विश्राम करते
और कठोर परिश्रम की रोटी खाते हो, यह सब तुम्हारे लिये व्यर्थ ही है;
क्योंकि वह अपने प्रियों को यों ही नींद प्रदान करता है।
३ देखो, बच्चे यहोवा के दिए हुए भाग हैं*,
गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है।
४ जैसे वीर के हाथ में तीर,
वैसे ही जवानी के बच्चे होते हैं।
५ क्या ही धन्य है वह पुरुष जिसने अपने तरकश को उनसे भर लिया हो!
वह फाटक के पास अपने शत्रुओं से बातें करते संकोच न करेगा।