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परमेश्‍वर का भय मानने की आशीष
यात्रा का गीत
 
१ क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है,
और उसके मार्गों पर चलता है*!
२ तू अपनी कमाई को निश्चय खाने पाएगा;
तू धन्य होगा, और तेरा भला ही होगा।
३ तेरे घर के भीतर तेरी स्त्री फलवन्त दाखलता सी होगी;
तेरी मेज के चारों ओर तेरे बच्चे जैतून के पौधे के समान होंगे।
४ सुन, जो पुरुष यहोवा का भय मानता हो,
वह ऐसी ही आशीष पाएगा।
५ यहोवा तुझे सिय्योन से आशीष देवे*,
और तू जीवन भर यरूशलेम का कुशल देखता रहे!
६ वरन् तू अपने नाती-पोतों को भी देखने पाए!
इस्राएल को शान्ति मिले!