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स्तुति के योग्य नाम 
 1 यहोवा की स्तुति करो! 
हे यहोवा के दासों, स्तुति करो, 
यहोवा के नाम की स्तुति करो! 
 2 यहोवा का नाम 
अब से लेकर सर्वदा तक धन्य कहा जाएँ! 
 3 उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, 
यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है। 
 4 यहोवा सारी जातियों के ऊपर महान है, 
और उसकी महिमा आकाश से भी ऊँची है। 
 5 हमारे परमेश्वर यहोवा के तुल्य कौन है? 
वह तो ऊँचे पर विराजमान है, 
 6 और आकाश और पृथ्वी पर, 
दृष्टि करने के लिये झुकता है। 
 7  वह कंगाल को मिट्टी पर से, 
और दरिद्र को घूरे पर से उठाकर ऊँचा करता है* 113:7 वह कंगाल को मिट्टी पर से, .... उठाकर ऊँचा करता है: जीवन की तुच्छ अवस्था से वह उन्हें धन-सम्पदा और पद-प्रतिष्ठा में ले आता है।, 
 8 कि उसको प्रधानों के संग, 
अर्थात् अपनी प्रजा के प्रधानों के संग बैठाए। (अय्यू. 36:7)  
 9 वह बाँझ को घर में बाल-बच्चों की आनन्द करनेवाली माता बनाता है। 
यहोवा की स्तुति करो! 
*113:7 113:7 वह कंगाल को मिट्टी पर से, .... उठाकर ऊँचा करता है: जीवन की तुच्छ अवस्था से वह उन्हें धन-सम्पदा और पद-प्रतिष्ठा में ले आता है।