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न्याय और उद्धार के लिए परमेश्‍वर की स्तुति
 
१ यहोवा की स्तुति करो!
यहोवा के लिये नया गीत गाओ,
भक्तों की सभा में उसकी स्तुति गाओ! (प्रका. 5:9 प्रका. 14:3)
२ इस्राएल अपने कर्ता के कारण आनन्दित हो,
सिय्योन के निवासी अपने राजा के कारण मगन हों!
३ वे नाचते हुए उसके नाम की स्तुति करें,
और डफ और वीणा बजाते हुए उसका भजन गाएँ!
४ क्योंकि यहोवा अपनी प्रजा से प्रसन्‍न रहता है;
वह नम्र लोगों का उद्धार करके उन्हें शोभायमान करेगा*।
५ भक्त लोग महिमा के कारण प्रफुल्लित हों;
और अपने बिछौनों पर भी पड़े-पड़े जयजयकार करें।
६ उनके कण्ठ से परमेश्‍वर की प्रशंसा हो,
और उनके हाथों में दोधारी तलवारें रहें,
७ कि वे जाति-जाति से पलटा ले सके;
और राज्य-राज्य के लोगों को ताड़ना दें,
८ और उनके राजाओं को जंजीरों से,
और उनके प्रतिष्ठित पुरुषों को लोहे की बेड़ियों से जकड़ रखें*,
९ और उनको ठहराया हुआ दण्ड देंगे!
उसके सब भक्तों की ऐसी ही प्रतिष्ठा होगी।
यहोवा की स्तुति करो।